AJMER SHARIF: दुनिया की नजरें टिकी हैं अजमेर दरगाह पर,
अजमेर. ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में मंदिर को लेकर लगाई गई याचिका पर अल्पसंख्यक मंत्रालय, एएसआई और दरगाह कमेटी को 20 दिसम्बर को अदालत में जवाब देना है। दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम नदीम अहमद और एएसआई के स्तर पर मुख्यालय जवाब तैयार करने में जुटे हैं।
अजमेर : राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. हिंदू सेना अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह क्षेत्र में शिव मंदिर होने का एक और साक्ष्य प्रस्तुत किया है. उन्होंने 1841 में लिखी असिस्टेंट सर्जन रॉबर्ट हैमिल्टन इर्विन की पुस्तक ‘सम अकाउंट ऑफ द जनरल एंड मेडिकल टोपोग्राफी ऑफ अजमेर’ का हवाला दिया. गुप्ता का दावा है कि इस पुस्तक में लिखा गया है कि दरगाह क्षेत्र में प्राचीन समय से शिवलिंग मौजूद था और यह क्षेत्र झाड़ियों से ढका जंगल था. गुप्ता ने कहा कि इस साक्ष्य के साथ अन्य दस्तावेज भी अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे.
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप : वहीं, इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के मौलाना तौकीर रजा खान ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. मौलाना तौकीर ने कहा- देशभर में चल रही खुदाई अब अजमेर दरगाह तक पहुंच गई है. खुदाई का असली मकसद सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि गरीब नवाज की दरगाह पर खुदाई की बात करना सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश है.
‘पीएम मोदी भी हर साल चादर चढ़ाते हैं…’, अजमेर दरगाह विवाद पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
Owaisi Criticizes PM Modi: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा, कोर्ट ने याचिका मंजूर की. ओवैसी ने 1991 कानून का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर चुप रहने का आरोप लगाया है
एक स्थानीय अदालत द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण का आदेश देने के कुछ दिनों बाद,
पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के एक समूह ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन सभी "अवैध और हानिकारक"
गतिविधियों को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है जो भारत पर "वैचारिक हमला" हैं।
सभ्यतागत विरासत और एक समावेशी देश के विचार को विकृत करना।